असंख्य जटिल कठिन प्रक्रियाऒं के कितने अच्छे सहज सरल परिणाम! वाह!!!!
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बच्चे! असंख्य जटिल कठिन प्रक्रियाऒं के कितने अच्छे सहज सरल परिणाम! वाह!!!!...
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कवियत्री ने प्रलय को ‘ शून्य ' तथा सृष्टि को ‘ अंक ' कहा है. उनकी अपनी अवधारणा है कि-‘ जीवन जब भी जटिल कठिन लगे / शून्य में खो जाओ / शून्य से फिर आरंभ करो / जीवन को नई ऊर्जा / नई स्फूर्ति का अहसास / शून्य को अंकों में बदल देता है '.